दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा
Legal Tender: अगर आप कभी किसी दुकानदार के पास जाएं और वो ये कहकर 1 रुपये या 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर दे कि ये सिक्का नहीं चलता है या ये सिक्का नकली है तो आप उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं.
दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा (PTI)
दुकानदार और व्यापारियों के लिए जरूरी जानकारी, अगर आपने की ये गलती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा (PTI)
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) देश में चलने वाली करेंसी को जारी करता है. हमारे देश में अभी 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये की करेंसी चलन में हैं. इनमें 1, 2, 5, 10 और 20 रुपये करेंसी नोट के साथ ही सिक्के के रूप में भी चलन में हैं. हमारे देश में सिक्कों को स्वीकार करने को लेकर कई तरह की कंफ्यूजन देखने को मिलती है. छोटे-मोटे दुकानदार ही नहीं पेट्रोल पंप ऑपरेटर भी सिक्कों को स्वीकार करने में काफी आना-कानी करते हैं. इन सिक्कों में 1 रुपये का छोटा सिक्का और 10 रुपये का सिक्का शामिल है, जिनके असली-नकली होने को लेकर काफी कंफ्यूजन रहता है.
दुकानदार के खिलाफ दर्ज कराई जा सकती है FIR
अगर आप कभी किसी दुकानदार के पास जाएं और वो ये कहकर 1 रुपये या 10 रुपये का सिक्का लेने से इंकार कर दे कि ये सिक्का नहीं चलता है या ये सिक्का नकली है तो आप उस दुकानदार के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ही इन सभी सिक्कों को जारी करता है जो कानूनन वैध हैं और अगर कोई भी दुकानदार इन वैध सिक्कों को लेने से इंकार करता है तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है, जिसके जरिए उस दुकानदार को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
आवश्यक जानकारी :~
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) December 8, 2022
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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक रुपए से लेकर बीस रुपए तक समस्त सिक्के देश की वैध मुद्रा है। किसी व्यक्ति द्वारा इन सिक्के को (बंद हो गया है या नकली है) कहते हुए अस्वीकार करने पर आप उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी के तहत FIR दर्ज करा सकते है।
लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करने पर हो सकती है सजा
NCIB (नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) के मुताबिक जो दुकानदार लीगल टेंडर को स्वीकार नहीं करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम और आइपीसी की धारा 489(A) से 489(E) के तहत FIR दर्ज कराई जा सकती है. जिसमें दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. NCIB ने ट्वीट कर बताया कि वैध सिक्के स्वीकार न करने की स्थिति में आप तत्काल सहायता के लिए पुलिस को भी कॉल कर सकते हैं.
06:02 PM IST